- 4 Posts
- 25 Comments
परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है प्रकृति हर पल एक नया रुख लेती है उसी के साथ अनेक परिवर्तन भी होते रहते है इस बदलते वक़्त के साथ हम उन चीजो को थामने की पूरी कोशिश करते हैं जिससे हमे बहुत लगाव होता है इसी प्रकार हिंदी एक ऐसी भाषा है जिससे हमारा बहुत लगाव है जिसे हम हर पीड़ी के साथ थामे रखना चाहते हैं आज के दौर में जिस प्रकार हिंदी छोड़ सभी इंग्लिश की ओर आकर्षित हो रहे हैं ऐसे में हिंदी के प्रति चिंतन स्वाभाविक सी बात है लेकिन इस नए दौर में हिंदी ब्लॉगिंग ने जो हिंदी भाषा को थामने की अनूठी पहल की है वो काबिलेतारीफ है और ध्यान देने वाली बात है कि इसमें हर कोई बढ चढ़ कर भाग ले रहा है खास तौर पर युवा भी हिंदी लेखन में आगे आ रहे हैं और यह एक बड़ी उपलब्धि है समझने वाली बात है कि ब्लॉग लेखन के लिए कोई पाबन्दी नहीं है कि हिंदी में लिखा जाय या इंग्लिश में लकिन फिर भी हिंदी ब्लॉगिंग ही पहली पसंद है और अंग्रेजी लेखन के बजाय हिंदी लेखन ज्यादा आकर्षित करते हैं और हिंदी से ही हर किसी के मन की बात को आसानी से समझा जा सकता है हिंदी हमारी मूल जड़ है तो हम भला उससे दूर कैसे हो सकते हैं ये एक गलतफहमी है कि हिंदी का अस्तित्व अंत कि ओर है जिस तरह हिंदी लेखन ने हिंदी के मान के लिए हाथ बढाया है उसी तरह हम सभी भारतीय अगर एक होकर हाथ बढायेंगे तो हिंदी को जरुर मान दिला पाएंगे |
आज अगर देखा जाय तो स्तिथि इतनी जटिल हो गई है कि हिंदी का प्रचार करना खासकर आज के बच्चो में जटिल है क्योंकि वातावरण ही एसा बना दिया गया कि हमे स्तिथियों में सुधार लाने में थोडा समय लगेगा | आज के युवा बातचीत में अंग्रेजी भाषा का ज्यादा प्रयोग करते हैं विद्यालयों में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है और स्कूलों के नियम तो देखें जरा, जो बच्चा अगर अंग्रेजी नहीं बोलता तो वहाँ बच्चो को सजा का प्रावधान बना दिया गया है और अब इन परिस्तिथि में हिंदी ब्लॉगिंग एक अनूठी पहल है , यह एक ऐसा मंच है जहाँ पर हर व्यक्ति कि बात समझा जाता है और अपना हिंदी ज्ञान भी बढाया जा सकता है|
जिन्हें खुद हिंदी का प्रचार करना चाहिए वो खुद अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं कहने का अर्थ है हमारे देश के सम्माननीय नेता जिनके पास हमारे देश का कार्यभार है हाँ ये बात सत्य है कि अंग्रेजी भाषा अंतर्राष्ट्रीय भाषा है अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना भी जरुरी है लेकिन इसका यह अर्थ तो नहीं हम अपनी भाषा को बोलना ही छोड़ दे अपने देश की भाषा बोलना कोई शर्म की बात नहीं है भारतीयों को सिर्फ हिंदी ही जोड़ सकती है तभी हमारे देश में भाषा के नाम पर जो भेद है ख़तम होगा क्योकि अक्सर ये देखा गया है कि जो अंग्रेजी में बोल लेता है वह स्वयं को जाने क्या समझ लेता है भले ही उसे और कुछ न आता हो वहीँ दूसरी ओर जिसे अंग्रेजी बोलनी न आती हो लेकिन वह अन्य शेत्र में दक्ष हो उसे इतनी तवज्जो नहीं दी जाती है लेकिन आज इस मंच पर कोई छोटा या बड़ा नहीं है सबको बराबर का अधिकार है ,यह पर हर कोई अपने तरीके से विचार रख सकता है | और सबसे ख़ुशी की बात यह है कि युवा भी इसमें बड़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं, इससे बड़ी सफलता और क्या हो सकती है, हिंदी ब्लॉगिंग के जरिये हिंदी की ओर कदम बढ रहे हैं , लेकिन इतना ही काफी नहीं है, हिंदी को अपनी जीवनशेली में भी अपनाना होगा |
“हम होंगे कामयाब ,हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
मन में है विश्वास , पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन ”
जय हिंदी , जय हिंदी , जय हिंदुस्तानी |
Read Comments